गंगाधर: Difference between revisions
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<p> सूर्योदय नगर के राजा शक्रधनु के साले का पुत्र । यह महीधर का भाई था । अपने फूफा शक्रधनु की पुत्री जयचन्द्रा के हरिषेण के साथ विवाहे जाने पर ये दोनों भाई बहुत कुपित हुए । इन्होंने हरिषेण से युद्ध भी किया था किन्तु इससे भयभीत होकर दोनों भाई युद्ध से भाग गये थे । पद्मपुराण 8.353-387</p> | <p> सूर्योदय नगर के राजा शक्रधनु के साले का पुत्र । यह महीधर का भाई था । अपने फूफा शक्रधनु की पुत्री जयचन्द्रा के हरिषेण के साथ विवाहे जाने पर ये दोनों भाई बहुत कुपित हुए । इन्होंने हरिषेण से युद्ध भी किया था किन्तु इससे भयभीत होकर दोनों भाई युद्ध से भाग गये थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 8.353-387 </span></p> | ||
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Revision as of 21:40, 5 July 2020
सूर्योदय नगर के राजा शक्रधनु के साले का पुत्र । यह महीधर का भाई था । अपने फूफा शक्रधनु की पुत्री जयचन्द्रा के हरिषेण के साथ विवाहे जाने पर ये दोनों भाई बहुत कुपित हुए । इन्होंने हरिषेण से युद्ध भी किया था किन्तु इससे भयभीत होकर दोनों भाई युद्ध से भाग गये थे । पद्मपुराण 8.353-387