गजदन्त
From जैनकोष
गजदन्ताकार चार पर्वत । सौमनस, विद्युत्प्रभ, गन्धमादन और माल्यवान् ये चार पर्वत राजदन्ताकार हैं इसलिए गजदन्त कहलाते हैं । महापुराण 5.180
गजदन्ताकार चार पर्वत । सौमनस, विद्युत्प्रभ, गन्धमादन और माल्यवान् ये चार पर्वत राजदन्ताकार हैं इसलिए गजदन्त कहलाते हैं । महापुराण 5.180