तद्वयतिरिक्त द्रव्य निक्षेप: Difference between revisions
From जैनकोष
m (Vikasnd moved page तद्वयतिरिक्त द्रव्य निक्षेप to तद्वयतिरिक्त द्रव्य निक्षेप without leaving a redirect: RemoveZWNJChar) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef"> धवला 3/1,2,2/15/3 </span><span class="SanskritText">आगममधिगम्य विस्मृत: क्वांतर्भवतीति चेत्तद्व्यतिरिक्तद्रव्यानंते। </span>=<span class="HindiText"><strong>प्रश्न</strong>–जो आगम का अध्ययन करके भूल गया है उसका द्रव्यनिक्षेप के किस भेद में अंतर्भाव होता है? <strong>उत्तर</strong>–ऐसे जीव का नोकर्म '''तद्वयतिरिक्त द्रव्यानंत''' में अंतर्भाव होता है (यहाँ ‘अनंत’ का प्रकरण है)।</span><br /> | |||
[[Category:त]] | <span class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ निक्षेप_5#5.7.3 | निक्षेप - 5.7.3]]।</span> | ||
<noinclude> | |||
[[ तद्भाव | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ तद्वयतिरिक्त संयमलब्धिस्थान | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: त]] | |||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 17:11, 13 February 2024
धवला 3/1,2,2/15/3 आगममधिगम्य विस्मृत: क्वांतर्भवतीति चेत्तद्व्यतिरिक्तद्रव्यानंते। =प्रश्न–जो आगम का अध्ययन करके भूल गया है उसका द्रव्यनिक्षेप के किस भेद में अंतर्भाव होता है? उत्तर–ऐसे जीव का नोकर्म तद्वयतिरिक्त द्रव्यानंत में अंतर्भाव होता है (यहाँ ‘अनंत’ का प्रकरण है)।
अधिक जानकारी के लिये देखें निक्षेप - 5.7.3।