तीर्थंकर बेलाव्रत
From जैनकोष
व्रत विधान संग्रह/११० वृषभनाथ का ७-८ का बेला तथा ९ को तीन अंजुली शर्बत का पारणा। अजितनाथ का १३-१४ का बेला तथा १५ को तीन अंजुली दूध का पारणा। सम्भवनाथ का ऋषभनाथवत् तथा अभिनन्दन नाथ का अजितनाथवत् । इसी प्रकार आगे भी तीर्थंकर नं०५,७,९,११,१३,१५,१७,१९,२१,२३ का ऋषभनाथवत् और तीर्थंकर नं० ६, ८, १०, १२, १४, १६, १८, २०, २२, २४ का अजितनाथवत् जानना। जाप्य–‘‘ओं ह्रीं वृषभादिचतुर्विंशतितीर्थंकराय नम:’’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य।