तुंगीगिरि: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> एक पर्वत । यहाँ जरत्कुमार तथा पांडवों के साथ बलदेव ने कृष्ण का दाह-संस्कार किया था । जरत्कुमार ने राज्य और परिग्रह के त्याग का निश्चय इसी पर्वत पर किया था तथा यही मुनिदीक्षा ली थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 63.72-74, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 22.29 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक पर्वत । यहाँ जरत्कुमार तथा पांडवों के साथ बलदेव ने कृष्ण का दाह-संस्कार किया था । जरत्कुमार ने राज्य और परिग्रह के त्याग का निश्चय इसी पर्वत पर किया था तथा यही मुनिदीक्षा ली थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_63#72|हरिवंशपुराण - 63.72-74]], </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 22.29 </span></p> | ||
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Revision as of 15:10, 27 November 2023
एक पर्वत । यहाँ जरत्कुमार तथा पांडवों के साथ बलदेव ने कृष्ण का दाह-संस्कार किया था । जरत्कुमार ने राज्य और परिग्रह के त्याग का निश्चय इसी पर्वत पर किया था तथा यही मुनिदीक्षा ली थी । हरिवंशपुराण - 63.72-74, पांडवपुराण 22.29