दमवर: Difference between revisions
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<p> चारण ऋद्धिधारी एक मुनि । ये राजा कर्ण और बलभद्र नन्दिमित्र के दीक्षागुरू थे । चिन्तागति, मनोगति और चपलगति तीनों विद्याधर भाई भी दौड़ प्रतियोगिता में प्रीतिमती से पराजित होकर इन्हीं से दीक्षित हुए थे । विद्याधरों के अधिपति अमिततेज ने इन्हें आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । महापुराण 62. 401-402, 63. 6, 280,70 36, पद्मपुराण 20.234, हरिवंशपुराण 34.32, 52. 89, पांडवपुराण 4.238, 5.69</p> | <p> चारण ऋद्धिधारी एक मुनि । ये राजा कर्ण और बलभद्र नन्दिमित्र के दीक्षागुरू थे । चिन्तागति, मनोगति और चपलगति तीनों विद्याधर भाई भी दौड़ प्रतियोगिता में प्रीतिमती से पराजित होकर इन्हीं से दीक्षित हुए थे । विद्याधरों के अधिपति अमिततेज ने इन्हें आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । <span class="GRef"> महापुराण 62. 401-402, 63. 6, 280,70 36, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20.234, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.32, 52. 89, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 4.238, 5.69 </span></p> | ||
Revision as of 21:41, 5 July 2020
चारण ऋद्धिधारी एक मुनि । ये राजा कर्ण और बलभद्र नन्दिमित्र के दीक्षागुरू थे । चिन्तागति, मनोगति और चपलगति तीनों विद्याधर भाई भी दौड़ प्रतियोगिता में प्रीतिमती से पराजित होकर इन्हीं से दीक्षित हुए थे । विद्याधरों के अधिपति अमिततेज ने इन्हें आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । महापुराण 62. 401-402, 63. 6, 280,70 36, पद्मपुराण 20.234, हरिवंशपुराण 34.32, 52. 89, पांडवपुराण 4.238, 5.69