धर्मप्रभावना: Difference between revisions
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Revision as of 17:16, 12 May 2020
सम्यग्दर्शन का आठवाँ अंग । संसार में फैले हुए मिथ्यात्व के अन्धकार को नष्ट करने वाले जैनशासन का प्रसार करना । महापुराण 24.11, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.70