नलिना: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
| | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
सुमेरुपर्वत के नंदन आदि वनों में स्थित एक | सुमेरुपर्वत के नंदन आदि वनों में स्थित एक वापी –देखें [[ लोक#5.6 | लोक - 5.6]]। | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 16: | Line 16: | ||
<p id="2">(2) मेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण (आग्नेय) दिशा में स्थित चार वापियों में दूसरी वापी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.334 </span></p> | <p id="2">(2) मेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण (आग्नेय) दिशा में स्थित चार वापियों में दूसरी वापी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.334 </span></p> | ||
<p id="3">(3) विदेह क्षेत्र की बत्तीस नगरियों में एक नगरी । <span class="GRef"> महापुराण 63.211 </span></p> | <p id="3">(3) विदेह क्षेत्र की बत्तीस नगरियों में एक नगरी । <span class="GRef"> महापुराण 63.211 </span></p> | ||
<p id="4">(4) हेमाभ नगर के राजा | <p id="4">(4) हेमाभ नगर के राजा दृढ़मित्र की रानी, जीवंधर की सास । <span class="GRef"> महापुराण 75.420-428 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 27: | Line 27: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: न]] | [[Category: न]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | |||
[[Category: करणानुयोग]] |
Revision as of 10:41, 8 September 2022
सिद्धांतकोष से
सुमेरुपर्वत के नंदन आदि वनों में स्थित एक वापी –देखें लोक - 5.6।
पुराणकोष से
(1) मेरुपर्वत की उतर-पूर्व (ऐशान) दिशा में विद्यमान चार वापियों में प्रथम वापी । हरिवंशपुराण 5.245
(2) मेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण (आग्नेय) दिशा में स्थित चार वापियों में दूसरी वापी । हरिवंशपुराण 5.334
(3) विदेह क्षेत्र की बत्तीस नगरियों में एक नगरी । महापुराण 63.211
(4) हेमाभ नगर के राजा दृढ़मित्र की रानी, जीवंधर की सास । महापुराण 75.420-428