नियत वृत्ति: Difference between revisions
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न्यायविनिश्चय/ वृ./2/28/54/19 <span class="SanskritText">नियतवृत्तय: नियता संकरव्यतिकरविकला वृत्तिरात्मलाभो येषां ते तथोक्ता:।</span> =<span class="HindiText">नियत अर्थात् संकर व्यतिकर दोषों से रहित वृत्ति अर्थात् आत्मलाभ। संकर व्यतिकर रहित अपने स्वरूप में अवस्थित रहना वस्तु की नियतवृत्ति है। (जैसे अग्नि नियत उष्णस्वभावी है)। (और भी देखें [[ नय#I.5.4 | नय - I.5.4 ]]में नय नं.15 नियत नय)। </span> | <span class="GRef"> न्यायविनिश्चय/ </span>वृ./2/28/54/19 <span class="SanskritText">नियतवृत्तय: नियता संकरव्यतिकरविकला वृत्तिरात्मलाभो येषां ते तथोक्ता:।</span> =<span class="HindiText">नियत अर्थात् संकर व्यतिकर दोषों से रहित वृत्ति अर्थात् आत्मलाभ। संकर व्यतिकर रहित अपने स्वरूप में अवस्थित रहना वस्तु की नियतवृत्ति है। (जैसे अग्नि नियत उष्णस्वभावी है)। (और भी देखें [[ नय#I.5.4 | नय - I.5.4 ]]में नय नं.15 नियत नय)। </span> | ||
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Revision as of 13:00, 14 October 2020
न्यायविनिश्चय/ वृ./2/28/54/19 नियतवृत्तय: नियता संकरव्यतिकरविकला वृत्तिरात्मलाभो येषां ते तथोक्ता:। =नियत अर्थात् संकर व्यतिकर दोषों से रहित वृत्ति अर्थात् आत्मलाभ। संकर व्यतिकर रहित अपने स्वरूप में अवस्थित रहना वस्तु की नियतवृत्ति है। (जैसे अग्नि नियत उष्णस्वभावी है)। (और भी देखें नय - I.5.4 में नय नं.15 नियत नय)।