परिहार: Difference between revisions
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<p> प्रायश्चित के नौ भेदों में आठवाँ भेद । पक्ष, मास आदि एक निश्चित समय के लिए दोषी मुनि को संघ से दूर कर देना परिहार कहलाता हूँ । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 64.28, 37 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> प्रायश्चित के नौ भेदों में आठवाँ भेद । पक्ष, मास आदि एक निश्चित समय के लिए दोषी मुनि को संघ से दूर कर देना परिहार कहलाता हूँ । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 64.28, 37 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
परस्पर परिहारलक्षणविरोध - देखें विरोध ।
पुराणकोष से
प्रायश्चित के नौ भेदों में आठवाँ भेद । पक्ष, मास आदि एक निश्चित समय के लिए दोषी मुनि को संघ से दूर कर देना परिहार कहलाता हूँ । हरिवंशपुराण 64.28, 37