गणधरवलय स्तोत्र: Difference between revisions
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Latest revision as of 14:50, 18 May 2019
नृसुर-खचर-सेव्या विश्व-श्रेष्ठर्द्धि-भूषा
विविध-गुणसमुद्रा मारमातङ्ग-सिंहाः ।
भव-जल-निधि-पोता वन्दिता मे दिशन्तु
मुनि-गण-सकला: श्रीसिद्धिदाः सदृषीन्द्रा: ॥१०॥