भव्यजन कंठाभरण
From जैनकोष
कवि अर्हदास (वि.श.१४ प्रारम्भ) कृत २४२ पद्य प्रमाण, पौराणिक समीक्षा तथा जैनाचार विषयक हिन्दी काव्य। (ती./४/५३)।
कवि अर्हदास (वि.श.१४ प्रारम्भ) कृत २४२ पद्य प्रमाण, पौराणिक समीक्षा तथा जैनाचार विषयक हिन्दी काव्य। (ती./४/५३)।