यम
From जैनकोष
- दे. लोकपाल/१।
- भोग व उपभोग्य वस्तुओं का जो जीवन पर्यन्त के लिए त्याग किया जाता है उसको यम कहते हैं। (दे. भोगोपभोग परिमाणव्रत);
- कालाग्नि विद्याधर का पुत्र था। (प. पु./८/११४) इन्द्र द्वारा इसको किष्कुपुर का लोकपाल बनाया है। (प. पु./८/११५) फिर अन्त में रावण द्वारा हराया गया था। (प. पु./८/४८१-४८५)।
- दे. वैवस्वत यम।