यशस्वती: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) | <p id="1"> (1) तीर्थंकर वृषभदेव की प्रथम रानी । यह राजा कच्छ की बहिन थी । भरत आदि इसके सौ पुत्र तथा ब्राह्मी एक पुत्री थी । <span class="GRef"> महापुराण 15.70, 16.4-5 </span></p> | ||
<p id="2">(2) | <p id="2">(2) पुंडरीकिणी नगरी के राजा धनंजय की दूसरी रानी । यह नारायण अतिबल की जननी भी । मधु—781 -82</p> | ||
<p id="3">(3) हस्तिनापुर के राजा विश्वसेन की दूसरी रानी । यह चक्रायुद्ध की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.382-383, 414 </span></p> | <p id="3">(3) हस्तिनापुर के राजा विश्वसेन की दूसरी रानी । यह चक्रायुद्ध की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.382-383, 414 </span></p> | ||
<p id="4">(4) | <p id="4">(4) जंबूद्वीप में स्थित पुन्नागपुर के राजा हेमाभ की रानी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 429-430 </span></p> | ||
<p id="5">(5) एक आर्यिका । राजा चेटक की पुत्री ज्येष्ठा ने इन्हीं से दीक्षा ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 75.31-33 </span></p> | <p id="5">(5) एक आर्यिका । राजा चेटक की पुत्री ज्येष्ठा ने इन्हीं से दीक्षा ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 75.31-33 </span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ यशस्तिलकचंपू | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ यशस्वान् | अगला पृष्ठ ]] | [[ यशस्वान् | अगला पृष्ठ ]] |
Revision as of 16:33, 19 August 2020
(1) तीर्थंकर वृषभदेव की प्रथम रानी । यह राजा कच्छ की बहिन थी । भरत आदि इसके सौ पुत्र तथा ब्राह्मी एक पुत्री थी । महापुराण 15.70, 16.4-5
(2) पुंडरीकिणी नगरी के राजा धनंजय की दूसरी रानी । यह नारायण अतिबल की जननी भी । मधु—781 -82
(3) हस्तिनापुर के राजा विश्वसेन की दूसरी रानी । यह चक्रायुद्ध की जननी थी । महापुराण 63.382-383, 414
(4) जंबूद्वीप में स्थित पुन्नागपुर के राजा हेमाभ की रानी । महापुराण 71. 429-430
(5) एक आर्यिका । राजा चेटक की पुत्री ज्येष्ठा ने इन्हीं से दीक्षा ली थी । महापुराण 75.31-33