यशोबाहु: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> आचारांग के ज्ञाता चार आचार्यों में तीसरे आचार्य । सुभद्र और यशोभद्र इनके पूर्ववर्ती तथा लोहाचार्य परवर्ती आचार्य थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>के अनुसार इनके पूर्ववर्ती आचार्य सुभद्र और जयभद्र थे । <span class="GRef"> महापुराण 76.525-526 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>1. 65, 66-24, <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 1.41-50 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> आचारांग के ज्ञाता चार आचार्यों में तीसरे आचार्य । सुभद्र और यशोभद्र इनके पूर्ववर्ती तथा लोहाचार्य परवर्ती आचार्य थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>के अनुसार इनके पूर्ववर्ती आचार्य सुभद्र और जयभद्र थे । <span class="GRef"> महापुराण 76.525-526 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>1. 65, 66-24, <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 1.41-50 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
देखें भद्रवाहु ।
पुराणकोष से
आचारांग के ज्ञाता चार आचार्यों में तीसरे आचार्य । सुभद्र और यशोभद्र इनके पूर्ववर्ती तथा लोहाचार्य परवर्ती आचार्य थे । हरिवंशपुराण के अनुसार इनके पूर्ववर्ती आचार्य सुभद्र और जयभद्र थे । महापुराण 76.525-526 हरिवंशपुराण 1. 65, 66-24, वीरवर्द्धमान चरित्र 1.41-50