रत्नकंठ: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
|
(No difference)
|
Revision as of 15:19, 19 August 2020
अश्वग्रीव का ज्येष्ठ पुत्र और रत्नायुध का भाई । ये दोनों भाई मरकर चिरकाल तक भव-भ्रमण करने के पश्चात् अतिबल और महाबल असुर हुए थे । इसका अपरनाम रत्नग्रीव था । महापुराण 63. 135-136 देखें रत्नग्रीव