रत्नस्थली: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> लक्ष्मण की रानी । इसने अपने देवर भरत के साध जलक्रीड़ा करके उसे विरक्ति से हटाना चाहा किंतु भरत का मन रंचमात्र भी चलायमान नहीं हुआ था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 83. 96-102 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> लक्ष्मण की रानी । इसने अपने देवर भरत के साध जलक्रीड़ा करके उसे विरक्ति से हटाना चाहा किंतु भरत का मन रंचमात्र भी चलायमान नहीं हुआ था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_83#96|पद्मपुराण - 83.96-102]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
लक्ष्मण की रानी । इसने अपने देवर भरत के साध जलक्रीड़ा करके उसे विरक्ति से हटाना चाहा किंतु भरत का मन रंचमात्र भी चलायमान नहीं हुआ था । पद्मपुराण - 83.96-102