राजकथा: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | <span class="GRef"> नियमसार / तात्पर्यवृत्ति/67 </span><span class="SanskritText">अतिप्रवृद्धकामै: कामुकजनै: स्त्रीणा संयोगविप्रलंभजनितविविधवचनरचना कर्त्तव्या श्रोतव्या च सैव स्त्रीकथा। राज्ञां युद्धहेतूपन्यासो '''राजकथाप्रपंच''':। चौराणांचौरप्रयोगकथनं चौरकथाविधानम्। अतिप्रवृद्धभोजनप्रीत्या विचित्रमंडकावलीखंडदधिखंडसिताशनपानप्रशंसा भक्तकथा।</span> = <span class="HindiText">....... राजाओं का युद्धहेतुक कथन <strong>राजकथा</strong> प्रपंच है। ...... </span> | ||
[[ | <span class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ कथा ]]।</span> | ||
[[Category:र]] | <noinclude> | ||
[[ राजऋषि | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ राजगुप्त | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: र]] | |||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 09:07, 16 August 2023
नियमसार / तात्पर्यवृत्ति/67 अतिप्रवृद्धकामै: कामुकजनै: स्त्रीणा संयोगविप्रलंभजनितविविधवचनरचना कर्त्तव्या श्रोतव्या च सैव स्त्रीकथा। राज्ञां युद्धहेतूपन्यासो राजकथाप्रपंच:। चौराणांचौरप्रयोगकथनं चौरकथाविधानम्। अतिप्रवृद्धभोजनप्रीत्या विचित्रमंडकावलीखंडदधिखंडसिताशनपानप्रशंसा भक्तकथा। = ....... राजाओं का युद्धहेतुक कथन राजकथा प्रपंच है। ......
अधिक जानकारी के लिये देखें कथा ।