लोकाख्यान: Difference between revisions
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<p> चार प्रकार के आख्यानों में प्रथम आख्यान इसमें लोक व्युत्पत्ति उसकी प्रत्येक दिशा तथा उसके अन्तरालों की लम्बाई-चौडाई आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन होता है । महापुराण 4.4-7</p> | <p> चार प्रकार के आख्यानों में प्रथम आख्यान इसमें लोक व्युत्पत्ति उसकी प्रत्येक दिशा तथा उसके अन्तरालों की लम्बाई-चौडाई आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन होता है । <span class="GRef"> महापुराण 4.4-7 </span></p> | ||
Revision as of 21:46, 5 July 2020
चार प्रकार के आख्यानों में प्रथम आख्यान इसमें लोक व्युत्पत्ति उसकी प्रत्येक दिशा तथा उसके अन्तरालों की लम्बाई-चौडाई आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन होता है । महापुराण 4.4-7