वचोयोग: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> योग के तीन भेदों में दूसरा भेद । वचन के निमित्त से आत्मप्रदेशों में होने वाला संचार वचोयोग कहलाता है । यह सत्यवचनयोग, असत्यवचनयोग, उभयवचनयोग, अनुभयवचनयोग के भेद से चार प्रकार का होता है । महापुराण 62.309-310</p> | <p> योग के तीन भेदों में दूसरा भेद । वचन के निमित्त से आत्मप्रदेशों में होने वाला संचार वचोयोग कहलाता है । यह सत्यवचनयोग, असत्यवचनयोग, उभयवचनयोग, अनुभयवचनयोग के भेद से चार प्रकार का होता है । <span class="GRef"> महापुराण 62.309-310 </span></p> | ||
Revision as of 21:46, 5 July 2020
योग के तीन भेदों में दूसरा भेद । वचन के निमित्त से आत्मप्रदेशों में होने वाला संचार वचोयोग कहलाता है । यह सत्यवचनयोग, असत्यवचनयोग, उभयवचनयोग, अनुभयवचनयोग के भेद से चार प्रकार का होता है । महापुराण 62.309-310