वनस्पतिकायिक: Difference between revisions
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<p> वनस्पति-शरीरधारी एकेन्द्रिय जीव । ये छेदन-भेदन जनित महादुःख सहते हैं । इन जीवों की कुयोनियां दस लाख और कुलकोटियां | <p> वनस्पति-शरीरधारी एकेन्द्रिय जीव । ये छेदन-भेदन जनित महादुःख सहते हैं । इन जीवों की कुयोनियां दस लाख और कुलकोटियां अट्ठाईस लाख तथा उत्कृष्ट आयु दस हजार वर्ष होती है । ये जीव अनेक आकारों के होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 17.22-23, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3. 221, 18. 54, 58, 60, 66, 71 </span></p> | ||
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Revision as of 21:46, 5 July 2020
वनस्पति-शरीरधारी एकेन्द्रिय जीव । ये छेदन-भेदन जनित महादुःख सहते हैं । इन जीवों की कुयोनियां दस लाख और कुलकोटियां अट्ठाईस लाख तथा उत्कृष्ट आयु दस हजार वर्ष होती है । ये जीव अनेक आकारों के होते हैं । महापुराण 17.22-23, हरिवंशपुराण 3. 221, 18. 54, 58, 60, 66, 71