स्थविर कल्प: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(No difference)
|
Revision as of 16:15, 25 April 2016
गो.जी./जी.प्र./५४७/७१४/६ पञ्चमकालस्थविरकल्पाल्पसंहननसंयमिषु त्रयोदशधोक्तं। = पंचमकाल में स्थविरकल्पी हीन संहनन के धारी साधु को तेरह प्रकार का चारित्र कहा है।