हंस
From जैनकोष
१. प.प्र./टी./२/१७० अनन्तज्ञानादिनिर्मलगुणयोगेन हंस इव हंस परमात्मा। =अनन्तज्ञानादि निर्मल गुण सहित हंस के समान उज्ज्वल परमात्मा हंस हैं। २. परमहंस के अपर नाम- देखें - मोक्षमार्ग / २ / ५ ।
१. प.प्र./टी./२/१७० अनन्तज्ञानादिनिर्मलगुणयोगेन हंस इव हंस परमात्मा। =अनन्तज्ञानादि निर्मल गुण सहित हंस के समान उज्ज्वल परमात्मा हंस हैं। २. परमहंस के अपर नाम- देखें - मोक्षमार्ग / २ / ५ ।