• जैनकोष
    जैनकोष
  • Menu
  • Main page
    • Home
    • Dictionary
    • Literature
    • Kaavya Kosh
    • Study Material
    • Audio
    • Video
    • Online Classes
    • Games
  • Share
    • Home
    • Dictionary
    • Literature
    • Kaavya Kosh
    • Study Material
    • Audio
    • Video
    • Online Classes
    • Games
  • Login

जैन शब्दों का अर्थ जानने के लिए किसी भी शब्द को नीचे दिए गए स्थान पर हिंदी में लिखें एवं सर्च करें

भगवतीदास

From जैनकोष

Revision as of 11:18, 9 September 2022 by Jagrti jain (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
 Share 



  1. दिल्ली गद्दी के भट्टारक महींद्र के शिष्य अंबाला निवासी एक अपभ्रंश कवि जिन्होंने अंत समय में मुनिव्रत धारण करके समाधिपूर्वक देहत्याग किया था। कृतियें―टंडाणा रास, बनजारा रास, आदित्यवार रास, पखवारा रास, खिचड़ी रास, समाधि रास, योगी रास, मनकरहा रास, रीहिणीव्रत रास, अनंत चतुर्दशी चौपाई, चुनड़ी मुक्ति रमणी, ढमाल राजमती नेमीसुर संज्ञानी ढमाल, वीर जिनेंद्र स्तुति, आदिनाथ-शांतिनाथ विनती, अनथमी, अनुप्रेक्षाभावना, सुगंध दशमी कथा, आदित्यवार कथा। समय–कृतियों का रचना काल वि. 1680-1700 (ई. 1623-1643)। (ती./4/238)।
  2. ब्रह्म विलास आदि के कर्ता भैया भगवतीदास नामक एक गृहस्थ कवि। समय–वि. 1731-1755 (ई.1674-1698)। (ती./4/263)। (146 कामता)।


पूर्व पृष्ठ

अगला पृष्ठ

Retrieved from "http://www.jainkosh.org/w/index.php?title=भगवतीदास&oldid=95283"
Categories:
  • भ
  • इतिहास
JainKosh

जैनकोष याने जैन आगम का डिजिटल ख़जाना ।

यहाँ जैन धर्म के आगम, नोट्स, शब्दकोष, ऑडियो, विडियो, पाठ, स्तोत्र, भक्तियाँ आदि सब कुछ डिजिटली उपलब्ध हैं |

Quick Links

  • Home
  • Dictionary
  • Literature
  • Kaavya Kosh
  • Study Material
  • Audio
  • Video
  • Online Classes
  • Games

Other Links

  • This page was last edited on 9 September 2022, at 11:18.
  • Privacy policy
  • About जैनकोष
  • Disclaimers
© Copyright Jainkosh. All Rights Reserved
Powered by MediaWiki