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जैन शब्दों का अर्थ जानने के लिए किसी भी शब्द को नीचे दिए गए स्थान पर हिंदी में लिखें एवं सर्च करें

गणित I.1.1

From जैनकोष

Revision as of 22:28, 23 September 2022 by ShrutiJain (talk | contribs)
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यद्यपि गणित एक लौकिक विषय है परंतु आगम के करणानुयोग विभाग में सर्वत्र इसकी आवश्यकता पड़ती है। कितनी ऊँची श्रेणी का गणित वहाँ प्रयुक्त हुआ यह बात उसको पढ़ने से ही संबंध रखती है। यहाँ उस संबंधी ही गणित के प्रमाण, प्रक्रियाएँ व सहनानी आदि संग्रह की गयी हैं।

  1. गणित विषयक प्रमाण
    1. द्रव्य क्षेत्रादि के प्रमाणों का निर्देश
      1. संख्या की अपेक्षा द्रव्य प्रमाण निर्देश।
      • संख्यात, असंख्यात व अनंत–देखें वह वह नाम ।
      • लौकिक व लोकोत्तर प्रमाणों के भेदादि–देखें प्रमाण - 5।
      1. तौल की अपेक्षा द्रव्यप्रमाण निर्देश।
      2. क्षेत्र के प्रमाणों का निर्देश।
      • राजू विषयक विशेष विचार–देखें राजू ।
      1. सामान्य काल प्रमाण निर्देश।
      2. उपमा काल प्रमाण निर्देश।
      3. उपमा प्रमाण की प्रयोग विधि।
    2. द्रव्य क्षेत्रादि प्रमाणों की अपेक्षा सहनानियाँ
      1. लौकिक संख्याओं की अपेक्षा सहनानियाँ।
      2. अलौकिक संख्याओं की अपेक्षा सहनानियाँ।
      3. द्रव्य गणना की अपेक्षा सहनानियाँ।
      4. पुद्​गल परिवर्तन निर्देश की अपेक्षा सह.।
      5. एकेंद्रियादि जीव निर्देश की अपेक्षा सह.।
      6. कर्म व स्पर्धकादि निर्देश की अपेक्षा सह.।
      7. क्षेत्र प्रमाणों की अपेक्षा सहनानियाँ।
      8. काल प्रमाणों की अपेक्षा सहनानियाँ।
    3. गणित प्रक्रियाओं की अपेक्षा सहनानियाँ
      1. परिकर्माष्टक की अपेक्षा सहनानियाँ।
      2. लघुरिक्थ गणित की अपेक्षा सहनानियाँ।
      3. श्रेणी गणित की अपेक्षा सहनानियाँ।
      4. षट्​गुणवृद्धि हानि की अपेक्षा सहनानियाँ।
    4. अक्षर अंकक्रम की अपेक्षा सहनानियाँ।
      1. अक्षर क्रम की अपेक्षा सहनानियाँ।
      2. अंकक्रम की अपेक्षा सहनानियाँ।
      3. आंकड़ों की अपेक्षा सहनानियाँ।
      4. कर्मों की स्थिति व अनुभाग की अपेक्षा सह.।
  2. गणित विषयक प्रक्रियाएँ
    1. परिकर्माष्टक गणित निर्देश
      1. अंकों की गति वाम भाग से होती है।
      2. परिकर्माष्टक के नाम निर्देश।
      3. 3-4. संकलन व व्यकलन की प्रक्रियाएँ।
      4. 5-6. गुणकार व भागहार की प्रक्रियाएँ।
      • विभिन्न भागहारों का निर्देश–देखें संक्रमण ।
      1. वर्ग व वर्गमूल की प्रक्रिया।
      2. घन व घनमूल की प्रक्रिया।
      3. विरलन देय घातांक गणित की प्रक्रिया।
      4. भिन्न परिकर्माष्टक (fraction) की प्रक्रिया।
      5. शून्य परिकर्माष्टक की प्रक्रिया।
    2. अर्द्धच्छेद या लघुरिक्थ गणित निर्देश
      1. अर्द्धच्छेद आदि का सामान्य निर्देश।
      2. लघुरिक्थ विषयक प्रक्रियाएँ।
    3. अक्षसंचार गणित निर्देश
      1. अक्षसंचार विषयक शब्दों का परिचय।
      2. अक्षसंचार विधि का उदाहरण।
      3. प्रमाद के 37500 दोषों के प्रस्तार यंत्र।
      4. नष्ट निकालने की विधि।
      5. समुद्दिष्ट निकालने की विधि।
    4. त्रैराशिक व संयोगी भंग गणित निर्देश
      1. द्वि त्रि आदि संयोगी भंग प्राप्ति विधि।
      2. त्रैराशिक गणित विधि।
    5. श्रेणी व्यवहार गणित सामान्य
      1. श्रेणी व्यवहार परिचय।
      2. सर्वधारा आदि श्रेणियों का परिचय।
      3. सर्वधन आदि शब्दों का परिचय।
      4. संकलन व्यवहार श्रेणी संबंधी प्रक्रियाएँ।
      5. गुणन व्यवहार श्रेणी संबंधी प्रक्रियाएँ।
      6. मिश्रित श्रेणी व्यवहार की प्रक्रियाएँ।
      7. द्वीप सागरों में चंद्र-सूर्य आदि का प्रमाण निकालने की प्रक्रिया।
    6. गुणहानि रूप श्रेणी व्यवहार निर्देश
      1. गुणहानि सामान्य व गुणहानि आयाम निर्देश।
      2. गुणहानि सिद्धांत विषयक शब्दों का परिचय।
      3. गुणहानि सिद्धांत विषयक प्रक्रियाएँ।
      4. कर्मस्थिति की अन्योन्याभ्यस्त राशिएँ।
      • षट्​गुण हानि वृद्धि–देखें वह वह नाम ।
    7. क्षेत्रफल आदि निर्देश
      1. चतुरस्र संबंधी।
      2. वृत्त (circle) संबंधी।
      3. धनुष (arc) संबंधी।
      4. वृत्तवलय (ring) संबंधी।
      5. विवक्षित द्वीप सागर संबंधी।
      6. बेलनाकार (cylinderical) संबंधी।
      7. अन्य आकारों संबंधी।

 

  1. गणित विषयक प्रमाण
    1. द्रव्य क्षेत्रादि के प्रमाणों का निर्देश
      1. संख्या की अपेक्षा द्रव्यप्रमाण निर्देश
        ( धवला 5/ प्र./22)

1

एक

1

16

निरब्बुद

(10,000,000)9 

2

दस

10

17

अहह

(10,000,000)10

3

शत

100

18

अबब

(10,000,000)11

4

सहस्र

1000

19

अटट

(10,000,000)12

5

दस सह.

10,000

20

सोगंधिक

(10,000,000)13

6

शत सह.

100,000

21

उप्पल

(10,000,000)14

7

दसशत सहस्र

10,000,000

22

कुमुद

(10,000,000)15

8

कोटि

10,000,000

23

पुंडरीक

(10,000,000)16

9

पकोटि

(10,000,000)2

24

पदुम

(10,000,000)17

10

कोटिप्पकोटि

(10,000,000)3

25

कथान

(10,000,000)18

11

नहुत

(10,000,000)4

26

महाकथान

(10,000,000)19

12

निन्नहुत

(10,000,000)5

27

असंख्येय

(10,000,000)20

13

अखोभिनी

(10,000,000)6

28

पुणट्ठी

=(256)2=65536

14

बिंदु

(10,000,000)7

29

बादाल

=पणट्ठी2

15

अब्बुद

(10,000,000)8

30

एकट्ठी

=बादाल2

तिलोयपण्णत्ति/4/309‐311; ( राजवार्तिक/3/38/5/306/17 ); ( त्रिलोकसार 28‐51 )
1. जघन्य संख्यात  =2
2. उत्कृष्ट संख्यात =जघन्य परीतासंख्यात–1
3. मध्यम संख्यात =(जघन्य +1) से (उत्कृष्ट–1) तक
नोट—आगम में जहाँ संख्यात कहा जाता है वहाँ तीसरा विकल्प समझना चाहिए।
4. जघन्य परीतासंख्यात=अनवस्थित कुंडों में अघाऊ रूप से भरे सरसों के दानों का प्रमाण 199711293845131636363636363636363636363636363 File:JSKHtmlSample clip image002 0039.gif (देखें असंख्यात - 9)
5. उत्कृष्ट परीतासंख्यात=जघन्य युक्तासंख्यात–1
6. मध्यम परीतासंख्यात =(जघन्य+1) से (उत्कृष्ट–1) तक
7. जघन्य युक्तासंख्यात =यदि जघन्य परीतासंख्यात=क
File:JSKHtmlSample clip image004 0004.gif (देखें असंख्यात - 9)
8. उत्कृष्ट युक्तासंख्यात =जघन्य असंख्यातासंख्यात–1
9. मध्यम युक्तासंख्यात =(जघन्य+1) से (उत्कृष्ट–1) तक
10. जघन्य असंख्यातासंख्यात=(जघन्य युक्ता.)जघन्य युक्ता. (देखें असंख्यात - 9)
11. उत्कृष्ट असंख्याता.=जघन्य परीतानंत—1
12. मध्यम असंख्याता.=(जघन्य+1) से (उत्कृष्ट–1) तक
13. जघन्य परीतानंत=जघन्य असंख्यातासंख्यात को तीन बार वर्गित संवर्गित करके उसमें द्रव्यों के प्रदेशों आदि रूप से कुछ राशियाँ जोड़ना (देखें अनंत - 1.4)
14. उत्कृष्ट परीतानंत=जघन्य युक्तानंत–1
15. मध्यम परीतानंत=(जघन्य+1) से (उत्कृष्ट–1) तक
16. जघन्य युक्तानंत=जघन्य परीतानंत की दो बार वर्गित संवर्गित राशि (देखें अनंत - 1.6)
17. उत्कृष्ट युक्तानंत=जघन्य अनंतानंत–1
18. मध्यम युक्तानंत =(जघन्य+1) से (उत्कृष्ट–1) तक
19. जघन्य अनंतानंत =(जघन्य युक्ता.) (जघन्य युक्ता.) (देखें अनंत - 1.7)
20. उत्कृष्ट अनंतानंत=जघन्य अनंतानंत को तीन बार वर्गित संवर्गित करके उसमें कुछ राशि में मिलान (देखें अनंत )
21. मध्यम अनंतानंत =(जघन्य+1) से (उत्कृष्ट–1) तक

 


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