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- ...t">सामायिक चारित्र का स्वामित्व।-देखें [[ छेदोपस्थापना#5 | छेदोपस्थापना - 5-7]]।</li> ...था अपनी प्रशंसा करने वालों में माध्यस्थ्य भाव का होना उपेक्षा कही गयी है।13-14।</span></p> ...106 KB (2,105 words) - 23:08, 16 February 2024
- ..."GRef">( लाटी संहिता/2/6-9 )</span>, <span class="GRef">( लाटी संहिता/3/129-130 )</span>।</span></p> ...38 KB (696 words) - 14:58, 2 March 2024
- ...123 KB (2,051 words) - 09:40, 16 January 2024
- <li class="HindiText"> 3 तथा 5-14 गुणस्थानों में उपपाद का अभा <span class="GRef"> भगवती आराधना / विजयोदया टीका/25/85/14 </span><span class="SanskritText">प्राणग्रहणं ...211 KB (13,154 words) - 09:27, 23 January 2024
- <li value="5">[[ #I.2.5 | सम्यग्दर्शन के 25 दोष।]]</li> ...चारित्र में कथंचित् एकत्व अनेकत्व। - देखें [[ मोक्षमार्ग#2 | मोक्षमार्ग - 2-3]], ।</li></ul> ...458 KB (8,107 words) - 21:57, 14 February 2024
- ...पर अथवा स्वकाल मरण होने पर क्या करे।-देखें [[ सल्लेखना#3.9 | सल्लेखना - 3.9-10]]।</ul> <span class="GRef"> भगवती आराधना/246-249 </span> <span class="PrakritText">उल्लीणोलीणेह ...253 KB (3,420 words) - 21:04, 15 February 2024
- ...लिए । पहले तो वह मुनिराज एक छेवले के पेड़ के नीचे बैठे हुए थे, उसमें कुल 10-12 ही पत्ते थे, परंतु जिस समय वह ...274 KB (446 words) - 16:35, 2 July 2021