सम
From जैनकोष
स.सा./आ./२ समयत एकत्वेन...। ‒समयत अर्थात् एकत्व रूप से। (स.सा./आ./३)।
गो.क./जी.प्र./५४७/७१३/५ सम एकीभावेन। =सम अर्थात् एकीभाव से...।
देखें - सामायिक / १ / २ घी संगत है अर्थात् घी के साथ एकीभूत है।
स.सा./आ./२ समयत एकत्वेन...। ‒समयत अर्थात् एकत्व रूप से। (स.सा./आ./३)।
गो.क./जी.प्र./५४७/७१३/५ सम एकीभावेन। =सम अर्थात् एकीभाव से...।
देखें - सामायिक / १ / २ घी संगत है अर्थात् घी के साथ एकीभूत है।