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- ...-120)</span> अंत में गिरनार से मोक्ष प्राप्त किया <span class="GRef">(65/16-17)</span>। ...35)</span> मधु को हराकर मथुरा का राज्य प्राप्त किया <span class="GRef">(79/116)</span>। अंत में दीक्षा ग्रहण की <s ...9 KB (143 words) - 12:20, 1 March 2024
- ...क देश का नगर । जयवर्मा इस नगर का नृप था । <span class="GRef"> महापुराण 7.40-41, 59.277 </span></p> ...न्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_9#42|हरिवंशपुराण - 9.42]], [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_9#10| 9.10]], </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 2. ...5 KB (108 words) - 14:39, 27 November 2023
- ...n><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#116|हरिवंशपुराण - 60.116]] </span></p> ...6 KB (150 words) - 15:25, 28 November 2023
- ...उत्तरश्रेणी का चौबीसवां नगर । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_22#88|हरिवंशपुराण - 22.88]] </span></p> ...8 KB (153 words) - 15:25, 27 November 2023
- ...pan class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_27#111|हरिवंशपुराण - 27.111-116]] </span></p> ...an class="GRef"> <span class="GRef"> महापुराण </span> </span> </span>7. 13-15</p> ...10 KB (165 words) - 15:21, 27 November 2023
- ...तपकर अंत में दुर्योधन के भांजेकृत उपसर्ग को जीत मोक्ष प्राप्त किया। (25/52-133)। और भी–देखें [[ पांडव ]]।</li> ...indiText">(1) कृष्ण का पुत्र । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_48#69|हरिवंशपुराण - 48.69]] </span></p> ...16 KB (245 words) - 15:15, 27 November 2023
- ...ित है क्योंकि इनका यह ऐसा शरीर क्या अन्य शरीर से भिन्न है― विलक्षण है ? ॥43-44॥<span id="45" /> गौतम स्वामी कहते हैं [[ ग्रन्थ:पद्मपुराण - सर्ग 116 | पूर्व पृष्ठ ]] ...18 KB (126 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...े हैं। अर्थात् उसे भी शल्य कहते हैं। <span class="GRef">( राजवार्तिक/1/18/1-2/545/29 )</span>।</span></p> ...15 KB (295 words) - 12:59, 1 March 2024
- ...लक्ष्मण के नेत्रं मंद-मंद वायु से कंपित नीलोत्पल के वन समान चंचल हो उठे ।।8-10॥<span id="11" /> 'हाय यह क्या हुआ ?' वे इ ...23 KB (196 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...रहा था । इस प्रकार स्पर्धा से भरे हुए इन सब योद्धाओं का विकट युद्ध हुआ ।। 8-9॥<span id="10" /> तदनंतर क्लेश से भरे ह ...्ध का विचार किया त्यों ही उसके पास बैठा महोदर क्रोधपूर्वक उठ खड़ा हुआ ।। 45-46 ।।<span id="47" /> इधर जब तक महोदर और ह ...52 KB (691 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...ाध्याय और साधु समस्त पंच परमेष्ठी सब जगह तथा सब काल में मंगलस्वरूप हों ॥ 27-28॥<span id="29" /></p> ...के जानकार और चार आचारांग के ज्ञाता इस तरह पाँच प्रकार के मुनि हुए हैं ॥ 58-59 ॥<span id="60" /> </p> ...53 KB (364 words) - 10:58, 18 September 2023
- ...त पुरुष मेरे भर्ता हो फिर भी दैवयोग से मैं इस अवस्था को प्राप्त हुई हैं ॥22-23॥<span id="24" /></p> ...54 KB (394 words) - 16:42, 5 November 2023
- ...मामृत अधिकार 7/13/667)</span>; <span class="GRef">(लांटी संहिता अधिकार 2/16-17)</span></p> ...155 KB (2,777 words) - 11:14, 3 February 2024
- ...103 KB (977 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...प्रकार पूर्वोक्त पाँच कारणों से प्राणियों के गाढ़ प्रेम उत्पन्न होता है ॥ 8-6 ॥<span id="10" /><strong> </strong></p> ...हाथ जोड़कर शिर से प्रणाम किया तथा हर्षित हो धर्म का यथार्थ स्वरूप सुना ॥33-34॥<span id="35" /> मुनिराज से धर्म श्रव ...64 KB (449 words) - 13:39, 10 August 2023
- <h1 style="text-align: center;"><span style="text-decoration: underline;">अनुक्रमणिका</span></h1> <h3 style="padding-left: 30px;">[[ #1.1 | 1.1 इतिहास का लक्षण।]]</h ...645 KB (29,383 words) - 14:40, 27 November 2023