शून्य
From जैनकोष
1. सर्व द्रव्यों का अभाव शून्य दोष कहलाता है। ( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/94,613 );
2. जीव को कथंचित् शून्य कहना - देखें जीव - 1.3.4
3. साध्य साधन व उभय विकल दृष्टांत - देखें [[दृष्टांत#1.7 ] | दृष्टांत 1.7]।
1. सर्व द्रव्यों का अभाव शून्य दोष कहलाता है। ( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/94,613 );
2. जीव को कथंचित् शून्य कहना - देखें जीव - 1.3.4
3. साध्य साधन व उभय विकल दृष्टांत - देखें [[दृष्टांत#1.7 ] | दृष्टांत 1.7]।