मरुत्सुर: Difference between revisions
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<p> पवनकुमार देव । ये देव ही समवसरण के एक योजन भूभाग को तृण, कंटक और कीड़ों से रहित एवं मनोहर करते हैं । वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 69</p> | <p> पवनकुमार देव । ये देव ही समवसरण के एक योजन भूभाग को तृण, कंटक और कीड़ों से रहित एवं मनोहर करते हैं । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 69 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
पवनकुमार देव । ये देव ही समवसरण के एक योजन भूभाग को तृण, कंटक और कीड़ों से रहित एवं मनोहर करते हैं । वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 69