प्रश्नव्याकरण
From जैनकोष
द्वादशांगश्रुत का दसवाँ अंग । इसमें जीवों के सुख-दुख आदि से संबंधित प्रश्नों के उत्तर का निरूपण है । इसमें आक्षेपिणी आदि कथाओं का भी वर्णन किया गया है । इसके पदों की कुल संख्या तेरानवें लाख सोलह हजार है । महापुराण 34.144, हरिवंशपुराण - 10.43