सचित्तत्यागप्रतिमा
From जैनकोष
श्रावक की ग्यारह प्रतिमाओं में पाँचवी प्रतिमा । इस प्रतिमा का धारी जीव-दया के लिए फल, अप्रासुक जल, बीज, पत्र आदि सचित्त वस्तुओं का त्याग कर देता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 18.61 सचित्तनिक्षेप― अतिथिसंविभाग व्रत के पाँच अतिचारो में प्रथम अतिचार । हरे पत्तों पर रखकर आहार देना या लेना सचित-निक्षेप-अतिचार कहलाता है । हरिवंशपुराण - 58.183