सचित्त योनि
From जैनकोष
(सर्वार्थसिद्धि/2/32/187-188/10) आत्मनश्चैतन्यविशेषपरिणामश्चित्तम् । सह चित्तेन वर्तत इति सचित्त:।= आत्मा के चैतन्य विशेष रूप परिणाम को चित्त कहते हैं । जो उसके साथ रहता है वह सचित्त योनि कहलाता है ।
अधिक जानकारी के लिए देखें योनि ।