स्थानाध्ययनांग
From जैनकोष
द्वादशांग श्रुतस्कंध का तीसरा अंग । इसमें बयालीस हजार पदों में जीव के दस स्थानों का वर्णन है । महापुराण 34.133, 137, हरिवंशपुराण - 10.29
द्वादशांग श्रुतस्कंध का तीसरा अंग । इसमें बयालीस हजार पदों में जीव के दस स्थानों का वर्णन है । महापुराण 34.133, 137, हरिवंशपुराण - 10.29