GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 74 - अर्थ
From जैनकोष
सकलसमस्त (पुद्गल पिण्ड) स्कन्ध है, उसके आधे को देश कहते हैं। आधे का आधा प्रदेश है और परमाणु ही अविभागी है।
सकलसमस्त (पुद्गल पिण्ड) स्कन्ध है, उसके आधे को देश कहते हैं। आधे का आधा प्रदेश है और परमाणु ही अविभागी है।