चमरेंद्र: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 14: | Line 14: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> मथुरा नगरी के राजा मधु को शूलरत्न देने वाला एक असुरेंद्र । शत्रुघ्न द्वारा राजा मधु के मारे जाने पर अपने शूलरत्न को विफल हुआ देखकर इसने क्रोधवश मथुरा में महामारी रोग फैलाया था । इस उपसर्ग की शांति सप्तर्षिजनों के आगमन के प्रभाव से हुई थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_6#12|पद्मपुराण - 6.12]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_90#1|90.1-4]], [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_16#24|16.24]], [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_92#9|पद्मपुराण - 92.9]] </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> मथुरा नगरी के राजा मधु को शूलरत्न देने वाला एक असुरेंद्र । शत्रुघ्न द्वारा राजा मधु के मारे जाने पर अपने शूलरत्न को विफल हुआ देखकर इसने क्रोधवश मथुरा में महामारी रोग फैलाया था । इस उपसर्ग की शांति सप्तर्षिजनों के आगमन के प्रभाव से हुई थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_6#12|पद्मपुराण - 6.12]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_90#1|90.1-4]], [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_16#24|16.24]], [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_92#9|पद्मपुराण - 92.9]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
(पद्मपुराण/सर्ग/श्लोक नं)
शत्रुघ्न द्वारा राजा मधु के मारे जाने पर अपने शूलरत्न को विफल हुआ देख। (90.3) इसने क्रोधवश मथुरा में महामारी रोग फैलाया था। (90.22)। जो पीछे सप्त ऋषियों के आगमन के प्रभाव से नष्ट हुआ। (92.9)
पुराणकोष से
मथुरा नगरी के राजा मधु को शूलरत्न देने वाला एक असुरेंद्र । शत्रुघ्न द्वारा राजा मधु के मारे जाने पर अपने शूलरत्न को विफल हुआ देखकर इसने क्रोधवश मथुरा में महामारी रोग फैलाया था । इस उपसर्ग की शांति सप्तर्षिजनों के आगमन के प्रभाव से हुई थी । पद्मपुराण - 6.12,90.1-4, 16.24, पद्मपुराण - 92.9