सूर्याभ: Difference between revisions
From जैनकोष
Anita jain (talk | contribs) mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 3: | Line 3: | ||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li>लौकांतिक देवों का एक भेद-देखें [[ लौकांतिक ]]; </li> | <li>लौकांतिक देवों का एक भेद-देखें [[ लौकांतिक ]]; </li> | ||
<li>विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर-देखें [[ विद्याधर #4]]।</li> | <li>विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर-देखें [[ विद्याधर #4|विद्याधर -4]]।</li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Line 16: | Line 16: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> (1) विजया पर्वत की दक्षिणश्रेणी का छत्तीसवाँ नगर । यहाँ का राजा राम-रावण युद्ध में रावण की सहायतार्थ उसके पास आया था । <span class="GRef"> महापुराण 19.50, 53, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 55.84 </span></p> | <div class="HindiText"> (1) विजया पर्वत की दक्षिणश्रेणी का छत्तीसवाँ नगर । यहाँ का राजा राम-रावण युद्ध में रावण की सहायतार्थ उसके पास आया था । <span class="GRef"> महापुराण 19.50, 53, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_55#84|पद्मपुराण - 55.84]] </span></p> | ||
(2) पुष्करार्ध के विदेहक्षेत्र में विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के गण्यपुर अपर नाम सूर्यप्रभ नगर का राजा । इसकी रानी धारिणी थी । इसके तीन पुत्र थे― चिंतागति, मनोगति और चपलगति । <span class="GRef"> महापुराण 70.26-29, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.15-17 </span>देखें [[ सूर्यप्रभ#4 | सूर्यप्रभ - 4]]</p> | (2) पुष्करार्ध के विदेहक्षेत्र में विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के गण्यपुर अपर नाम सूर्यप्रभ नगर का राजा । इसकी रानी धारिणी थी । इसके तीन पुत्र थे― चिंतागति, मनोगति और चपलगति । <span class="GRef"> महापुराण 70.26-29, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_34#15|हरिवंशपुराण - 34.15-17]] </span>देखें [[ सूर्यप्रभ#4 | सूर्यप्रभ - 4]]</p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- लौकांतिक देवों का एक भेद-देखें लौकांतिक ;
- विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर-देखें विद्याधर -4।
पुराणकोष से
(1) विजया पर्वत की दक्षिणश्रेणी का छत्तीसवाँ नगर । यहाँ का राजा राम-रावण युद्ध में रावण की सहायतार्थ उसके पास आया था । महापुराण 19.50, 53, पद्मपुराण - 55.84
(2) पुष्करार्ध के विदेहक्षेत्र में विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के गण्यपुर अपर नाम सूर्यप्रभ नगर का राजा । इसकी रानी धारिणी थी । इसके तीन पुत्र थे― चिंतागति, मनोगति और चपलगति । महापुराण 70.26-29, हरिवंशपुराण - 34.15-17 देखें सूर्यप्रभ - 4