मगन रहु रे! शुद्धातममें मगन रहु रे: Difference between revisions
From जैनकोष
(New page: मगन रहु रे! शुद्धातममें मगन रहु रे<br> रागदोष परकी उतपात, निहचै शुद्ध चेतन...) |
(No difference)
|
Revision as of 04:13, 11 February 2008
मगन रहु रे! शुद्धातममें मगन रहु रे
रागदोष परकी उतपात, निहचै शुद्ध चेतनाजात।।मगन. ।।१ ।।
विधि निषेधको खेद निवारि, आप आपमें आप निहारि ।।मगन. ।।२ ।।
बंध मोक्ष विकलप करि दूर, आनँदकन्द चिदातम सूर ।।मगन. ।।३ ।।
दरसन ज्ञान चरन समुदाय, `द्यानत' ये ही मोक्ष उपाय ।।मगन. ।।४ ।।