ये दिन आछे लहे जी लहे जी: Difference between revisions
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ये दिन आछे लहे जी लहे जी
देव धरम गुरूकी सरधा करि, मोह मिथ्यात दहे जी दहे जी।।ये. ।।१ ।।
प्रभु पूजे सुने आगमको, सतसंगति माहिं रहे जी रहे जी।।ये.।।२ ।।
`द्यानत' अनुभव ज्ञानकला कछु, संजम भाव गहे जी गहे जी ।।ये.।।३ ।।