चतुर्दशीव्रत: Difference between revisions
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Revision as of 23:43, 11 March 2013
१४ वर्ष पर्यन्त प्रतिमास की दोनों चतुर्दशियों को १६ पहर का उपवास करे। लौंद के मासों सहित कुल ३४४ उपवास होते हैं। ‘ॐ ह्रीं अनन्तनाथाय नम:’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य। (चतुर्दशी व्रत कथा); (व्रत विधान संग्रह/पृ.१२४)।
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