सुकंठ: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भविष्यत् काल में होने वाले पांचवें प्रतिनारायण । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.570 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) भविष्यत् काल में होने वाले पांचवें प्रतिनारायण । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#570|हरिवंशपुराण - 60.570]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) अश्वग्रीव प्रतिनारायण के छोटे भाई । ये मरकर असुर हुए । <span class="GRef"> पांडवपुराण 63.33-35, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 5.8-9 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) अश्वग्रीव प्रतिनारायण के छोटे भाई । ये मरकर असुर हुए । <span class="GRef"> पांडवपुराण 63.33-35, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 5.8-9 </span></p> | ||
<p id="3">(3) विजयार्ध पर्वत के अरुण नगर का राजा । इसकी रानी कनकोदरी और पुत्र सिंहवाहन था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_17#154|पद्मपुराण - 17.154-155]] </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) विजयार्ध पर्वत के अरुण नगर का राजा । इसकी रानी कनकोदरी और पुत्र सिंहवाहन था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_17#154|पद्मपुराण - 17.154-155]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
(1) भविष्यत् काल में होने वाले पांचवें प्रतिनारायण । हरिवंशपुराण - 60.570
(2) अश्वग्रीव प्रतिनारायण के छोटे भाई । ये मरकर असुर हुए । पांडवपुराण 63.33-35, पांडवपुराण 5.8-9
(3) विजयार्ध पर्वत के अरुण नगर का राजा । इसकी रानी कनकोदरी और पुत्र सिंहवाहन था । पद्मपुराण - 17.154-155