नाभिराज: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
―( महापुराण/3/ श्लोक नं.) आप वर्तमान कल्पके 14 वें कुलकर थे।152। इनके समय बालक की नाभि में नाल दिखाई देने लगी थी। इन्होंने उसे काटने का उपाय सुझाया जिससे नाभिराय नाम प्रसिद्ध हो गया।164।–देखें [[ शलाका पुरुष#9 | शलाका पुरुष - 9]]। | ―(<span class="GRef"> महापुराण/3/ </span>श्लोक नं.) आप वर्तमान कल्पके 14 वें कुलकर थे।152। इनके समय बालक की नाभि में नाल दिखाई देने लगी थी। इन्होंने उसे काटने का उपाय सुझाया जिससे नाभिराय नाम प्रसिद्ध हो गया।164।–देखें [[ शलाका पुरुष#9 | शलाका पुरुष - 9]]। | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 13:00, 14 October 2020
―( महापुराण/3/ श्लोक नं.) आप वर्तमान कल्पके 14 वें कुलकर थे।152। इनके समय बालक की नाभि में नाल दिखाई देने लगी थी। इन्होंने उसे काटने का उपाय सुझाया जिससे नाभिराय नाम प्रसिद्ध हो गया।164।–देखें शलाका पुरुष - 9।