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- ...उदय होता है, तब अप्रमत्तगुण प्राप्त हो जाने से वह अप्रमत्त संयत कहलाता है।45। <span class="GRef">( द्रव्यसंग्रह टीका/1 ...29 KB (437 words) - 22:36, 17 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:पंचास्तिकाय - गाथा 45 | पूर्व पृष्ठ ]] ...18 KB (83 words) - 16:35, 2 July 2021
- ...टसार जीवकांड / मूल गाथा संख्या/283/608), ( गोम्मट्टसार कर्मकांड / मूल गाथा 45), (पंचसंग्रह / संस्कृत / अधिकार ...31 KB (577 words) - 22:15, 17 November 2023
- ...29 KB (510 words) - 22:15, 17 November 2023
- <p> <strong>(45) अनुत्पन्न, असत् होकर भी चित् ...20 KB (88 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...चंचलता व शिथिलता सदा बनी रहती है ।6। <span class="GRef">(योगसार/अमितगति/8/45-48)</span> । <br /> ...27 KB (407 words) - 15:30, 27 November 2023
- <span class="GRef">(धवला पुस्तक 9/4,1,45/179/3)</span> <br><p class="HindiText">पर यही शंका कर ...32 KB (441 words) - 12:26, 1 March 2024
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- [[ वर्णीजी-प्रवचन:मोक्षपाहुड - गाथा 45 | पूर्व पृष्ठ ]] ...20 KB (56 words) - 11:56, 17 May 2021
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:नियमसार - गाथा 45 | पूर्व पृष्ठ ]] ...22 KB (84 words) - 16:34, 2 July 2021
- ...40 KB (781 words) - 14:41, 27 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:रयणसार - गाथा 45 | पूर्व पृष्ठ ]] ...19 KB (18 words) - 11:57, 17 May 2021
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:भावपाहुड - गाथा 45 | अगला पृष्ठ ]] ...18 KB (41 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...यहाँ अपना अस्तित्व रखती हैं, द्रव्य नाम की कोई वस्तु नहीं है। ( धवला 9/4,1,45/174/7 ); ( कषायपाहुड़/1/13-14/89/226/5 )<br /> ...96 KB (1,172 words) - 15:12, 27 November 2023
- ...्रमाण दो प्रकार का है - प्रत्यक्ष व परोक्ष <span class="GRef">( धवला 9/4,1,45/142/6 )(नय चक्र वृहद/170) </span> <span class="GRef">( ...ञान से विशिष्ट आत्मा को प्रमाण कहते हैं । <span class="GRef">( धवला 9/4,1,45/164/9 )</span> ।</span><br /> ...81 KB (1,784 words) - 16:55, 29 February 2024
- ...21 KB (314 words) - 21:22, 16 February 2024
- ...1/33/9/98/12 ); ( हरिवंशपुराण/58/47 ); ( धवला 1/1,1,1/87/1 ); ( धवला 9/4,1,45/176/5 ); ( कषायपाहुड़ 1/13-14/197/235 ); ( तत्त ...1 ) ( श्लोकवार्तिक 4/1/33/ श्लो.72/256) ( धवला 1/1,1,1/89/1 ) ( धवला 9/4,1,45/178/3 ); ( कषायपाहुड़ 1/13-14/197/237/3 )</span>।</sp ...49 KB (503 words) - 12:36, 1 March 2024
- ...पृथिवी के ऊपर से मेरु की चोटी तक 99,000 योजन विस्तार तथा अढाई द्वीप प्रमाण 45,00,000 योजन विस्तार युक्त है। -दे ...56 KB (790 words) - 20:56, 6 June 2024
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:भावपाहुड - गाथा 45 | पूर्व पृष्ठ ]] ...20 KB (46 words) - 11:56, 17 May 2021