रुचक
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से == सौधर्म स्वर्ग का 15वाँ पटल व इंद्रक−देखें स्वर्ग - 5.3।
पुराणकोष से
(1) सौधर्म और ऐशान स्वर्गों का पंद्रहवाँ पटल । हरिवंशपुराण 6.45 देखें सौधर्म
(2) कापिष्ट स्वर्ग का एक विमान । महापुराण 59. 237-238
(3) रुचकवर पर्वत के दक्षिण-दिशावर्ती आठ कूटों में पाँचवाँ कूट । यहाँ दिक्कुमारी लक्ष्मीमती देवी रहती है । हरिवंशपुराण 5.709 देखें रुचकवर
(4) रुचकवर पर्वत के उत्तर दिशावर्ती आठ कूटों मे सातवां कूट । यहाँ श्रीदिक्कुमारी देवी रहती है । हरिवंशपुराण 5.716 देखें रुचकवर
(5) रुचकवर पर्वत की दक्षिणपूर्व-आग्नेय विदिशा में स्थित एक कूट । यहाँ दिक्कुमारी रुचकोज्ज्वला देवी रहती है । हरिवंशपुराण 5.722 देखें रुचकवर