निगोद
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
देखें वनस्पति - 2।
पुराणकोष से
(1) नारकियों के उत्पत्ति स्थान । हरिवंशपुराण 4.347-353
(2) एकेंद्रिय जीवों का उत्पत्ति स्थान । इसमें पृथिवी, जल, अग्नि, वायु और वनस्पति कायों के जीव उत्पन्न होते हैं । ये जीव अनेक कुयोनियों तथा कुलकोटियों में श्रमण करते हैं । इसके दो भेद हैं― नित्य-निगोद और इतरनिगोद । हरिवंशपुराण 18.54-57