बंधक
From जैनकोष
- बंधक के भेद
नोट - नाम स्थापनादि भेद देखें निक्षेप ।
धवला 7/2,1,1/3-5/6
तद्व्यतिरिक्तनोआगमद्रव्यनिक्षेप |
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कर्म |
नोकर्म |
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ईर्यापथिक |
सांपरायिक |
सचित्त |
अचित्त |
मिश्र |
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छद्मस्थ |
केवली |
सूक्ष्मसांपरायिक |
बादरसांपरायिक |
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शांतकषाय |
क्षीणकषाय |
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असांप्रायादिक |
सांप्रायादिक |
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असांप्रायादिक |
सूक्ष्मसांप्रायादिक |
अनादिबादरसांप्रायादिक |
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उपशामक |
क्षपक |
क्षपकउपशामक |
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अपूर्वकरण |
अनिवृत्तिकरण |
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अनादिअनंत |
अनादिसांत |
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- बंधक के भेदों के लक्षण
धवला 7/2,1,1/ पृ./पं. तत्थ सचित्तणोकम्मदव्वबंधया जहा हत्थीणं बंधया, अस्साणं बंधया इच्चेवमादि । अचित्तणोकम्मदव्वबंधया तहा कट्ठाणं बंधया, सुप्पाणं बंधया कडयाणं बंधया इच्चेवमादि । मिस्सणोकम्मदव्वबंधया जहा साहरणाणं हत्थीणं बंधया इच्चेवमादि । (4/8) । ... तत्थ जे बंधपाहुड़जाणया उवजुत्ताआगमभावबंधया णाम । णोआगमभावबंधया जहा कोह-माण-मायलोहपेम्माइं अप्पाणाइं करेंता । (5/11) । = सचितनोकर्मद्रव्यबंधक जैसे - हाथी बाँधनेवाले, घोड़े बाँधनेवाले इत्यादि । अचित्तनोकर्मद्रव्यबंधक जैसे - लकड़ी बाँधनेवाले, सूपा बाँधनेवाले, कट (चटाई) बाँधनेवाले इत्यादि । मिश्रनोकर्मद्रव्यबंधक जैसे - आभरणोंसहित हाथियों के बाँधनेवाले इत्यादि । (4/8) । उनमें बंधप्राभृत के जानकार और उसमें उपयोग रखनेवाले आगमभाव बंधक हैं । नो आगम भावबंधक जैसे - क्रोध, मान, माया, लोभ व प्रेम को आत्मसात् करने वाले ।
इनके अतिरिक्त शेष भेदों के लक्षण - देखें निक्षेप ।
नाम स्थापनादि भेद । देखें निक्षेप