ज्ञान ज्ञेयमाहिं नाहिं, ज्ञेय हू न ज्ञानमाहिं: Difference between revisions
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ज्ञान ज्ञेयमाहिं नाहिं, ज्ञेय हू न ज्ञानमाहिं
ज्ञान ज्ञेय आन आन, ज्यों मुकर घट है।।ज्ञान. ।।
ज्ञान रहै ज्ञानीमाहिं, ज्ञान बिना ज्ञानी नाहिं,
दोऊ एकमेक ऐसे, जैसे श्वेत पट है ।।ज्ञान. ।।१ ।।
ध्रुव उतपाद नास, परजाय नैन भास,
दरवित एक भेद, भावको न ठट है ।।ज्ञान. ।।२ ।।
`द्यानत' दरब परजाय विकलप जाय,
तब सुख पाय जब, आप आप रट है ।।ज्ञान. ।।३ ।।