तेरी शांति छवि पे मैं बलि बलि जाऊँ: Difference between revisions
From जैनकोष
(New page: तेरी शांति छवि पे मैं बलि बलि जाऊँ ।<br> खुले नयन मारग आ दिल मैं बिठाऊँ ।।<br> ...) |
No edit summary |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 3: | Line 3: | ||
लेखा ना देखा, धर्म पाप जोड़ा,<br> | लेखा ना देखा, धर्म पाप जोड़ा,<br> | ||
बना भोग लिप्सा कि चाहों में दौड़ा,<br> | बना भोग लिप्सा कि चाहों में दौड़ा,<br> | ||
सहे दुख जो जो कहा लो सुनाऊँ - तेरी शांति. | सहे दुख जो जो कहा लो सुनाऊँ - तेरी शांति. ।। १ ।।<br> | ||
तेरा ज्ञान गौरव जो गणधर ने गाया,<br> | तेरा ज्ञान गौरव जो गणधर ने गाया,<br> | ||
वही गीत पावन मुझे आज भाया,<br> | वही गीत पावन मुझे आज भाया,<br> | ||
उसी के सुरों में सुनो मैं सुनाऊँ - तेरी शांति छवि. | उसी के सुरों में सुनो मैं सुनाऊँ - तेरी शांति छवि. ।। २ ।।<br> | ||
जगी आत्म ज्योति सम्यक्त्व तत्त्व की,<br> | जगी आत्म ज्योति सम्यक्त्व तत्त्व की,<br> | ||
घटी है घटा शाम मिथ्या विकल की,<br> | घटी है घटा शाम मिथ्या विकल की,<br> | ||
निजानन्द | निजानन्द 'सौभाग्य' सेहरा सजाऊँ-२ ।।३ ।।<br> | ||
<br> | <br> | ||
---- | ---- | ||
Line 15: | Line 15: | ||
[[Category:Bhajan]] | [[Category:Bhajan]] | ||
[[Category:सौभाग्यमलजी]] | [[Category:सौभाग्यमलजी]] | ||
[[Category:देव भक्ति ]] |
Latest revision as of 22:13, 28 February 2008
तेरी शांति छवि पे मैं बलि बलि जाऊँ ।
खुले नयन मारग आ दिल मैं बिठाऊँ ।।
लेखा ना देखा, धर्म पाप जोड़ा,
बना भोग लिप्सा कि चाहों में दौड़ा,
सहे दुख जो जो कहा लो सुनाऊँ - तेरी शांति. ।। १ ।।
तेरा ज्ञान गौरव जो गणधर ने गाया,
वही गीत पावन मुझे आज भाया,
उसी के सुरों में सुनो मैं सुनाऊँ - तेरी शांति छवि. ।। २ ।।
जगी आत्म ज्योति सम्यक्त्व तत्त्व की,
घटी है घटा शाम मिथ्या विकल की,
निजानन्द 'सौभाग्य' सेहरा सजाऊँ-२ ।।३ ।।