Search results
- <strong>1.<span class="GRef"> ति.प/4/515-516</span></strong></p> ...>3.<span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_#20.124|पद्मपुराण - 20.124-193]] </span></strong></p> ...132 KB (11,542 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...वर्ष पर्यंत तपकर समाधिमरण किया। तथा सोलहवें स्वर्ग में देवेंद्र हुई (109/17-18)।</li> ...राण - 5.123]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#134|हरिवंशपुराण - 5.134]], 156-158, 160, 191, 205, 208, 273 </span></p> ...21 KB (237 words) - 15:30, 27 November 2023
- <li class="HindiText"> [[#3.7 | सभी सम्यक्त्व में तथा 4-8 गुणस्थानों में बँधने का निय <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_43#78|हरिवंशपुराण - 43.78]] </span><span class="Sans ...357 KB (33,626 words) - 20:09, 15 February 2024
- ...करना है सो सुनिए क्योंकि आप-जैसे महापुरुषों की संगति दुःखक्षय का कारण है ॥3-4॥<span id="5" /> विराधित आधी बात ही कह ...36 KB (304 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...्त कर यह आदेश दिया कि यहाँ जो कोई प्रवेश करेगा वह मेरे द्वारा वध्य होगा ॥24-25॥<span id="26" /></p> ...दिया । मैं धन्य हूँ जिससे पुरुषों में उत्तम आप महानुभावों के दर्शन किये ॥82-83 ।।<span id="84" /> हे नाथ ! आज्ञा दीजिए ...39 KB (404 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...रहा था । इस प्रकार स्पर्धा से भरे हुए इन सब योद्धाओं का विकट युद्ध हुआ ।। 8-9॥<span id="10" /> तदनंतर क्लेश से भरे ह ...्ध का विचार किया त्यों ही उसके पास बैठा महोदर क्रोधपूर्वक उठ खड़ा हुआ ।। 45-46 ।।<span id="47" /> इधर जब तक महोदर और ह ...52 KB (691 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...ह सामंत अपनी बुद्धि के बल से समस्त लोक को गोष्पद के समान तुच्छ देखता था ॥15-16 ।।<span id="17" /> जब वह जाने लगा तब ना ...36 KB (243 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...ने योग्य नहीं हैं । यह क्षत्रियों का धर्म जगत् में सर्वत्र सुशोभित है ।। 11-12॥<span id="13" /> तब एवमस्तु कहकर स्वा ...50 KB (286 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...ाध्याय और साधु समस्त पंच परमेष्ठी सब जगह तथा सब काल में मंगलस्वरूप हों ॥ 27-28॥<span id="29" /></p> ...के जानकार और चार आचारांग के ज्ञाता इस तरह पाँच प्रकार के मुनि हुए हैं ॥ 58-59 ॥<span id="60" /> </p> ...53 KB (364 words) - 10:58, 18 September 2023
- ...82 KB (610 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...प्रकार पूर्वोक्त पाँच कारणों से प्राणियों के गाढ़ प्रेम उत्पन्न होता है ॥ 8-6 ॥<span id="10" /><strong> </strong></p> ...हाथ जोड़कर शिर से प्रणाम किया तथा हर्षित हो धर्म का यथार्थ स्वरूप सुना ॥33-34॥<span id="35" /> मुनिराज से धर्म श्रव ...64 KB (449 words) - 13:39, 10 August 2023
- <h1 style="text-align: center;"><span style="text-decoration: underline;">अनुक्रमणिका</span></h1> <h3 style="padding-left: 30px;">[[ #1.1 | 1.1 इतिहास का लक्षण।]]</h ...645 KB (29,383 words) - 14:40, 27 November 2023
- ...रित्रसार पृष्ठ 178/1)</span> <span class="GRef">(अनगार धर्मामृत अधिकार 6/58-59/609)</span>।</p> ...161 KB (2,719 words) - 17:15, 18 February 2024
- ...ित्रसार पृष्ठ 178/1</span>) ( <span class="GRef">अनगार धर्मामृत अधिकार 6/58-59/609</span>)।</p> ...164 KB (2,892 words) - 04:11, 17 February 2023