• जैनकोष
    जैनकोष
  • Menu
  • Main page
    • Home
    • Dictionary
    • Literature
    • Kaavya Kosh
    • Study Material
    • Audio
    • Video
    • Online Classes
    • Games
  • Share
    • Home
    • Dictionary
    • Literature
    • Kaavya Kosh
    • Study Material
    • Audio
    • Video
    • Online Classes
    • Games
  • Login
Shivir Banner

जैन शब्दों का अर्थ जानने के लिए किसी भी शब्द को नीचे दिए गए स्थान पर हिंदी में लिखें एवं सर्च करें

कथा (न्याय)

From जैनकोष

 Share 



न्यायदीपिका/ पृ.41 की टिप्पणी - नानाप्रवक्तृत्वे सति तद्विचारवस्तुविषया वाक्यसंपद्लब्धिकथा। = अनेक प्रवक्ताओं के विचार का जो विषय या पदार्थ है, उनके वाक्य संदर्भ का नाम कथा है।
न्यायसार पृ.15 वादिप्रतिवादिनो: पक्षप्रतिपक्षपरिग्रह: कथा। = वादी प्रतिवादियों के पक्षप्रतिपक्ष का ग्रहण सो कथा है।

  1. कथा के भेद
    न्यायदर्शन सूत्र/ भाष्य/1-1/41/41/18 तिस्र: कथा भवंति वादो जल्पो वितंडा चेति।=कथा तीन प्रकार की होती है-वाद, जल्प व वितंडा।
    न्यायसार पृ. 15 सा द्विविधा-वीतरागकथा विजिगीषुकथा चेति।= वह दो प्रकार है - वीतरागकथा और विजिगीषुकथा।
  2. वीतराग व विजिगीषु कथा के लक्षण
    न्यायविनिश्चय/ मू./2/213/243 प्रत्यनीकव्यवच्छेदप्रकारेणैकसिद्धये वचनं साधनादीनां वादं सोऽयं जिगीषितो:।213।= विरोधी धर्मों में से किसी एक को सिद्ध करने के लिए, एक दूसरे को जीतने की इच्छा रखनेवाले वादी और प्रतिवादी परस्पर में जो हेतु व दूषण आदि देते हैं, वह वाद कहलाता है। न्यायदीपिका/3/34/79 वादिप्रतिवादिनो: स्वमतस्थापनार्थं जयपराजयपर्यंतं परस्परं प्रवर्तमानो वाग्व्यापारो विजिगीषुकथा। गुरुशिष्याणां विशिष्टविदुषां वा रागद्वेषरहितानां तत्त्वनिर्णयपर्यंतं परस्परं प्रवर्तमानो वाग्व्यापारो वीतरागकथा। तत्र विजिगीषुकथा वाद इति चोच्यते।...विजिगीषुवाग्व्यवहार एव वादत्वप्रसिद्धे:। यथा स्वामिसमंतभद्राचार्यै: सर्वे सर्वथैकांतवादिनो वादे जिता इति।= वादी और प्रतिवादी में अपने पक्ष को स्थापित करने के लिए जीत-हार होने तक जो परस्पर में वचन प्रवृत्ति या चर्चा होती है वह विजिगीषु-कथा कहलाती है और गुरु तथा शिष्य में अथवा रागद्वेष रहित विशेष विद्वानों में तत्त्व के निर्णय होने तक जो चर्चा चलती है वह वीतरागकथा है। इनमें विजिगीषु कथा को वाद कहते हैं। हार जीत की चर्चा को अवश्य वाद कहा जाता है। जैसे - स्वामी समंतभद्राचार्य ने सभी एकांतवादियों को वाद में जीत लिया।
  • विजिगीषु कथा संबंधी विशेष–दे. वाद।


पूर्व पृष्ठ

अगला पृष्ठ

Retrieved from "http://www.jainkosh.org/w/index.php?title=कथा_(न्याय)&oldid=69450"
Category:
  • क
JainKosh

जैनकोष याने जैन आगम का डिजिटल ख़जाना ।

यहाँ जैन धर्म के आगम, नोट्स, शब्दकोष, ऑडियो, विडियो, पाठ, स्तोत्र, भक्तियाँ आदि सब कुछ डिजिटली उपलब्ध हैं |

Quick Links

  • Home
  • Dictionary
  • Literature
  • Kaavya Kosh
  • Study Material
  • Audio
  • Video
  • Online Classes
  • Games

Other Links

  • This page was last edited on 14 October 2020, at 12:59.
  • Privacy policy
  • About जैनकोष
  • Disclaimers
© Copyright Jainkosh. All Rights Reserved
Powered by MediaWiki